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What is on 9 August? What types of spacial days are celebrated on 9 August?

The best way of worshiping Krishna janmashtami 2022

The best way of worshiping Krishna janmashtami 2022

How is Krishna Janmashtami worshiped? How is Krishna Janmashtami fasted? Can Krishna keep a waterless fast on Janmashtami?

कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा कैसे होती है?कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कैसे किया जाता है?  क्या कृष्ण जन्माष्टमी पर निर्जली वृत रख सकते हैं

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Photo by Ethan Adhikary Utpal

 जन्माष्टमी, भगवान कृष्ण की जयंती, 19 अगस्त को पूरे देश में मनाई जा रही है। इस बार जन्माष्टमी पूरी तरह से शुभ संयोग होने जा रहा है। द्वापर युग में भगवान कृष्ण के समय की अवधि के लिए जो संयोग रहे हैं, वे असामान्य संयोग बन गए हैं। उन शुभ योगों में शीघ्रता करना बहुत पुण्यकारी माना गया है। भक्त जन्माष्टमी की तैयारी एक दोपहर पहले से शुरू कर देते हैं। महिलाएं और पुरुष रात के 12 बजे तक व्रत रखते हैं और मंदिरों में भगवान की मनमोहक मनमोहक झांकी सजाई जाती है। फिर भगवान कृष्ण के लिये एक झूला बनाया जाता है।


The best way of worshiping Krishna janmashtami 2022

ऐसे रखें जन्माष्टमी का व्रत

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Photo by ISKCON TV Dhaka

जिस प्रकार एकादशी का व्रत दशमी तिथि से प्रारंभ होता है, उसी प्रकार सप्तमी तिथि से शीघ्र ही जन्माष्टमी का व्रत प्रारंभ होता है। सप्तमी तिथि के दिन से तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, बैगन, मूली आदि का त्याग करना चाहिए और सात्विक भोजन करने के बाद ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। जन्माष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर प्रात:काल में टब में स्नान व ध्यान कर हल्के वस्त्र धारण कर शीघ्र जन्माष्टमी का संकल्प लें। इसके बाद "सरभिष्ट सिद्धये, श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रम्हम करिश्ये मम्खिलपापा प्रशमन के साथ।" मंत्र का जाप करना चाहिए। इस समय आप परिणति और जल के लिए गति कर सकते हैं, हालाँकि आपको सूर्यास्त से लेकर कृष्ण जन्म के आरंभ तक निर्जल बने रहने की आवश्यकता है। जन्शीमघ्र की अवधि तक सात्विक बने रहना चाहिए । वहीं रात्रि पूजा से पहले एक टब स्नान जरूर कर लेना चाहिए।


👉कृष्ण जन्माष्टमी व्रत नियम: आप सभी को पता होना चाहिए

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ऐसे करें जन्माष्टमी की पूजा

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Photo by ISKCON TV Dhaka

रात में रोहिणी नक्षत्र में भगवान कृष्ण भक्तों की भक्ती प्रतियोगिता समाप्त हो गई, इसलिए रात के समय पूजा समाप्त हो जाती है। यह एक धार्मिक मान्यता है कि भगवान कृष्ण की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं। ऐसे में जन्माष्टमी के दिन उपवास करते हुए भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा करें. मूर्ति की स्थापना के बाद गाय के दूध और गंगाजल से उनका अभिषेक करें। फिर उन्हें शानदार कपड़े पहनाएं। उन्हें मोर मुकुट, बांसुरी, चंदन, वैजयंती माला, तुलसी दल आदि से अलंकृत करें। फूल, परिणति, मक्खन, मिश्री, मिठाइयां, सूखी परिणति, धूप, दीपक, मादक सुगंध आदि चढ़ाएं। फिर अंत में, आरती करने के बाद बालक श्रीकृष्ण का प्रसाद बाँटें।

The best way of worshiping Krishna janmashtami 2022

जन्माष्टमी के बाद कब कृष्ण लला को झूले से उतार कर मंदिर मे विराजमान करें? 

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Photo by Ganesh Adyapady

नंदोत्सव व्यापक रूप से भाद्रपद महीने के 9वें दिन, श्री कृष्ण जन्माष्टमी के एक दिन बाद मनाया जाता है। आजकल कृष्ण भक्त कन्हैया की बलैया नृत्य करते हैं और गाते हैं, भगवान कृष्ण गाय को बहुत पालते हैं, इसी कारण उन्हें गोपाल के नाम से भी जाना जाता है। नंदोत्सव के दिन गाय की पूजा के साथ-साथ गाय से जुड़ी छोटी-छोटी चीजें देखी जाती हैं, तो यह अक्षय पुण्य प्रदान करता है।

यहॉं ध्यान दें कि जन्माष्टमी के तुरंत बाद कृष्ण लला को झूले से उतार कर मंदिर मे विराजमान न करें क्यों कि इसके एक दिन बाद ही नंदोत्सव व्यापक रूप से मनाया जाता है, इस समय श्री कृष्ण अपने भक्तों के साथ परम आनन्द में होते हैं। इसलिये नंदोत्सव के बाद ही कृष्ण लला को झूले से उतार कर मंदिर मे विराजमान करें

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